ब्रम्हाण्ड क्या है | What is Universe
सूक्ष्म अणुओं से लेकर महाकाय आकाशगंगाओँ तक के सम्मिलित स्वरुप को ब्रम्हाण्ड कहा जाता है
ब्रह्माण्ड से सम्बन्धित प्रमुख अवधारणायें | Major Concepts Related to the Universe
खगोलशास्त्री | वर्ष | अवधारणाएँ |
क्लॉडियस टॉलमी (मिस्र -यूनान ) | 140 ई. | इन्होने सर्वप्रथम ब्रह्माण्ड का नियमित अध्ययन कर भू -केन्द्रीत अवधारणा का प्रतिपादन किया | इस अवधारणा के अनुसार, पृथ्वी ब्रह्माण्ड के केंद्र में है तथा सूर्य व अन्य ग्रह इसकी परिक्रमा करते हैं ब्रह्माण्ड के संदर्भ में यह अवधारणा लम्बे समय तक बानी रही| |
निकोलस कोपरनिकस (पोलैंड ) (आधुनिक खगोलशास्र के जनक ) | 1543 ई. | इन्होने अपनी हस्तलिखित पुस्तक में सूर्य केन्द्रित अवधारणा के अन्तर्गत यह बतया कि, ब्रह्माण्ड के केंद्र में पृथ्वी नहीं, अपितु सूर्य है | यघपि ब्रह्माण्ड सम्बन्धी उनकी अवधारणा सौर परिवार तक ही सीमित थी , तथापि इस अवधारणा ने ब्रह्माण्ड अध्ययन की दिशा ही बदल दी | इस सिद्धांत के अनुसार दैनिक गति में पृथ्वी अपने अक्ष पर तथा वार्षिक गति में सूर्य के चारो और परिक्रमण करती है| |
विलियम हर्शेल (ब्रिटेन) | 1805 ई. | इन्होने दूरबीन की सहायता से अंतरिक्ष का अध्ययन कर बतया की सौरमंडल आकाशगंगा का एक अंश मात्र है| |
एडविन पॉवेल हब्बल (अमेरिका) | 1925 ई. | इन्होने स्पष्ट किया कि , दृश्यपथ में आने वाले ब्रह्माण्ड का व्यास 250 करोड़ प्रकाश वर्ष हे तथा इसके अंदर हमारी आकाशगंगा की भाँति लाखों आकाशगंगाएँ हैं | इन्होने बताया कि ब्रह्माण्ड का विस्तार अभी भी जारी है| |
वाराहमिहिर (भारत ) | छठी शताब्दी ई. | इन्होने कॉपरनिकस से लगभग 1 ,000 वर्ष पूर्व ही बता दिया था की , चन्द्रमा पृथ्वी की परिक्रमा करता है और पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा करती है | |
जर्मन गणितज्ञ एवं खगोलशास्त्री जोहानेस कैप्लर (1571-1630 ई.) ने ग्रहों की गति सम्बन्धी नियमों का प्रतिपादन किया| कैप्लर के वैज्ञानिक अनुसंधानों ने न्यूटन की सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण के सिद्धान्त के लिए आधार प्रदान किया|
ब्रम्हाण्ड की उत्पत्ति से सम्बंधित सिद्धान्त | Theories Related to the Origin of the Universe
- महाविस्फोट सिद्धान्त – जार्ज लेमैत्रे
- साम्यावस्था सिद्धान्त – थॉमस गोल्ड एवं हर्मन बांडी
- दोलन सिद्धान्त – डॉ.एलन संडेज
बिग-बैंग सिद्धांत | Big Bang Theory
- ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति के सम्बन्ध में यह सर्वाधिक मान्य सिध्दांत है| इसे विस्तारित Brahmand परिकल्पना भी कहा जाता है | बेल्जियम के खगोलशास्त्री एवं पादरी जॉर्ज लेमैत्रे ने 1927 ई. में इस सिद्धान्त का प्रतिपादन किया था | रॉबर्ट वेगनर ने इस सिद्धान्त की 1967 ई. में विस्तृत व्याख्या प्रस्तुत की|
- जॉर्ज लेमैत्रे के अनुसार, ब्रह्माण्ड लगभग 15 अरब वर्ष पूर्व एक विशालकाय अग्निपिंड था, जिसका निर्माण भारी पदार्थों से हुआ था |
लार्ज हैड्रॉन कोलाइडर तथा बिग-बैंग
- ब्रम्हाण्ड के रहस्यों को जानने के लिए यूरोपियन सेंटर फॉर न्यूक्लियर रिसर्च, सर्न (CERN) ने 30 मार्च, 2010 को जेनेवा में पृथ्वी की सतह से 100 फीट नीचे 27 किमी लम्बी सुरंग में लार्ज हेड्रॉन कोलाइडर नामक ऐतिहासिक महाप्रयोग प्रारम्भ किया|
- इसके लिए 1000 से ज्यादा वैज्ञानिक शामिल थे इसमें प्रोटॉन बीमों को लगभग प्रकाश की गति से आपस में टकराया गया हिग्स बोसॉन के निर्माण का प्रयास किया गया|
- इसके प्रयोग से ब्रम्हाण्ड की अनसुलझी अवधारणाओं को परखा गया, जिन्हे अब तक डार्क मैटर, डार्क एनर्जी, वन मोर डाइमेंशन व गॉड पार्टिकल के नाम से जाना जाता रहा है|
- इस प्रयोग के माध्यम से वैज्ञानिक 15 अरब वर्ष पहले हुयी उस ब्रम्हाण्डीय घटना को प्रयोगशाला में दोहराना चाहते हैं, जिसे खगोलोकी में बिग-बैंग के नाम से जाना जाता है|
हिग्स बोसॉन को गॉड पार्टिकल नाम नोबेल पुरस्कार विजेता लियॉन लेडरमैन ने दिया था|
सर्न | CERN
सर्न (यूरोपीय नाभकीय अनुसन्धान संगठन) कण भौतिकी विश्व की सबसे बड़ी प्रयोगशाला है| जो फ़्रांस और स्विटज़रलैंड की सीमा पर जेनेवा में स्थित है| इसकी स्थापना 29 सितम्बर 1954 को हुई थी| सर्न का मुख्य उद्देश्य उच्च ऊर्जा भौतिकी से सम्बंधित अनुसन्धान करने के लिए विभिन्न कण त्वरकों को विकास करना है| सर्न विश्व का सबसे बड़ा परमाणु आयोग है| वर्ष 2017 से भारत इसका सहायक सदस्य है|
जेम्स वेब अंतरिक्ष दूरदर्शी | James Web Space Telescope
- यह एक इंफ्रारेड आधारित एक वृहदाकार दूरदर्शी है| इसका प्रक्षेपण एरियन-5 रॉकेट से 25 दिसम्बर, 2001 में फ्रेंच गुयाना से यूरोपीय एरियन-5 रॉकेट द्वारा किया गया|
- यह सुपरिचित हब्बल अंतरिक्ष दूरदर्शी का उत्तरवर्ती आधुनिक पीढ़ी की दूरदर्शी है|
- यह विश्व की सबसे बड़ी इंफ्रारेड दूरदर्शी है| इसका मुख्य काम ब्रह्माण्ड के उन सुदूर सरंचनाओं/निकायों का अध्ययन करना है जो पृथ्वी पर स्थित वेधशालाओं और हब्बल दूरदर्शी की पहुँच के बाहर है|
- JWST पृथ्वी से 1.5 मिलियन किमी दूर L-2 में पृथ्वी के साथ-साथ सूर्य की परिक्रमा करेगा|
- जेम्स वेब अंतरिक्ष दूरदर्शी का निर्माण अंतराष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसियों जैसे – नासा, यूरोपियन अंतरिक्ष एजेंसी, तथा कनाडाई अंतरिक्ष एजेंसी के आपसी सहयोग से किया गया है|